मौत तू एक कविता है
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको
डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिए चाँद उफ़क तक पहुँचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
न अँधेरा हो, न उजाला हो
न आधी रात, न दिन
जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को सांस आए
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको..
भावपूर्ण और बेहतरीन रचना...
ReplyDeleteभावपूर्ण और बेहतरीन रचना...
ReplyDeleteस्वाति जी आपके पिता की लाइन पढकर रोना आ गया
ReplyDeleteअस मै अधम...
भगवान सच में होते है, इसका एहसास होने लगा है,
कोई तो है आस- पास, जो कृपा करता है।
दीदी चरण स्पर्श
आपका आपके पिता की ये पक्ती प ढकर दिल खुश हो गया साथ में दुखी भी ।