मौत तू एक कविता है
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको
डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिए चाँद उफ़क तक पहुँचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
न अँधेरा हो, न उजाला हो
न आधी रात, न दिन
जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को सांस आए
मुझसे एक कविता का वादा है, मिलेगी मुझको..